चाँद को तुम देखो, चाँद को मैं देखूं ।
इसी बहाने मुझको तुम,तुमको मैं देखूं।
सुनते आये हैं यह दिल को,
दिल से होती राह सदा ।
कहीं रहें हम दोनों में ,
बनी रहे यह चाह सदा।
चाँद को तुम चाहो , चाँद को मैं चाहूँ,
इसी बहाने मुझको तुम , तुमको मैं चाहूँ ।
काले कजरारे मेघों ने,
नभ में डाला डेरा हो ।
चाँद छुपा हो बदली में,
सिहरन भरा अँधेरा हो।
चाँद को तुम ढूंढो , चाँद को में ढूढूं ,
इसी बहाने मुझको तुम , तुमको में ढूढूं।
नदी किनारे आ जाना,
जब चाँद नहाये पानी में,
पृष्ठ नए कुछ जोड़ेंगे,
हम-तुम प्रेम कहानी में ।
चाँद को तुम छू लो, चाँद को में छू लूं ।
इसी बहाने मुझको तुम, तुमको में छू लूं ।