Thursday, February 4, 2010

चाँद को तुम देखो, ..


चाँद को तुम देखो, चाँद को मैं देखूं
इसी बहाने मुझको तुम,तुमको मैं देखूं

सुनते आये हैं यह दिल को,
दिल से होती राह सदा
कहीं रहें हम दोनों में ,
बनी रहे यह चाह सदा

चाँद को तुम चाहो , चाँद को मैं चाहूँ,
इसी बहाने मुझको तुम , तुमको मैं चाहूँ

काले कजरारे मेघों ने,
नभ में डाला डेरा हो
चाँद छुपा हो बदली में,
सिहरन भरा अँधेरा हो

चाँद को तुम ढूंढो , चाँद को में ढूढूं ,
इसी बहाने मुझको तुम , तुमको में ढूढूं

नदी किनारे जाना,
जब चाँद नहाये पानी में,
पृष्ठ नए कुछ जोड़ेंगे,
हम-तुम प्रेम कहानी में

चाँद को तुम छू लो, चाँद को में छू लूं
इसी बहाने मुझको तुम, तुमको में छू लूं