बहना मेरी ' झाँसी वाली रानी' बनो तुम
प्रतिदिन छपता ये समाचार है ,नारी होती अत्याचार की शिकार है आये दिन होता जो ये दुराचार है,नारी ख़ुद भी इसके लिए ज़िम्मेदार है
अपनी मान-मर्यादा बचाने के लिए ,नीचता को सबक़ सिखाने के लिए कोमलता त्याग , मर्दानी बनो तुम !बहना मेरी ' झाँसी वाली रानी' बनो तुम
चन्द्रमा की सोलह कला हैं नारियां कामिनी-कनक-चपला हैं नारियां कौन कहता है 'अबला' हैं नारियां दुर्गा-भवानी-कमला हैं नारियां आये दु:शासन तो तुम न डरो,किसी से मदद की गुहार न करो ,
खप्पर ले लो हाँथ में , भवानी बनो तुम बहना मेरी ' झाँसी वाली रानी' बनो तुम
Friday, August 12, 2011
Posted by राजेश राज at 11:19 AM
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